सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द कराने पर यूजीसी से मांगा जवाब

 सुप्रीम कोर्टसभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के दिशानिर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी से जवाब मांगा है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सोमवार को करीब दो दर्जन से अधिक छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं पर यूजीसी को बुधवार तक जवाब देने को कहा है। पीठ अब इस मसले पर 31 जुलाई को सुनवाई करेगी।


छात्रों ने अपनी याचिकाओं में कहा है कि कोरोना महामारी के बीच परीक्षा आयोजित कराने का फैसला बिल्कुल गलत है। छात्रों का रिजल्ट पूर्व परफॉर्मेंस के आधार पर जारी किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने 6 जुलाई को यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देश को निरस्त करने की मांग की है। याचिकाकर्ता छात्रों में से कुछ या तो खुद या उनके परिवार के सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित कराने संबंधी निर्देश दिया था।
यूजीसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 818 विश्वविद्यालयों में 209 ने पहले ही ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा करवा ली है। 394 अन्य परीक्षा करवाने पर विचार कर रहे हैं। यूजीसी ने परीक्षा आयोजित कराने के ऑनलाइन या ऑफलाइन विकल्प दिए थे। साथ ही नियमों का पालन करते हुए एक कमरे में 10 से ज्यादा छात्रों को अनुमति नहीं थी। 
वहीं, एक याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आज (सोमवार को) ही कोरोना के 50,000 नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक परीक्षा पर रोक लगाई जाए।


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