अब तक अयोध्या क्यों नहीं गए नरेंद्र मोदी?

अयोध्या में चाय की दुकान पर अख़बार पढ़ रहे संन्यासी वेश में एक सज्जन ने बातचीत के दौरान बड़ी निराशा और शिकायत के साथ ये बात कही.
हम मगहर से प्रधानमंत्री की रैली कवर करके लखनऊ लौट रहे थे. रास्ते में अयोध्या में रुकते हुए चाय पीने लगे.
वहीं, इनसे मुलाक़ात हुई और बातें शुरू हो गईं. हमने नाम जानना चाहा तो बोले, "साधु का कोई नाम नहीं होता. बस यही दंड और गेरुआ रंग ही उसकी पहचान होती है. नाम पहले जो था, अब उससे हमारी पहचान नहीं है."
ख़ैर, उनका नाम पहले क्या था और अब क्या है, इसमें हमारी बहुत दिलचस्पी भी नहीं थी, इसलिए दोबारा बताने का आग्रह नहीं किया.
लेकिन, एक साधु के रूप में जो पीड़ा उन्होंने व्यक्त की, उसका समर्थन दुकान पर मौजूद अयोध्या के कुछ स्थानीय लोग भी करते मिले.

